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Thursday, December 12, 2019

आत्मविश्वास - लघु कथा । Self confidence story

स्टेज से आवाज आयी इस साल का पुरस्कार दिया जाता है लेखिका विमला देवी जी को , विमला जी स्टेज पर आई पुरस्कार ग्रहण किया और दो शब्द कहे , इस पुरस्कार पर मेरा नही मेरी बेटी और मेरे पति का हक है अगर ये नही होते तो मै ये कभी नही कर कर सकती थी लेकिन मेरी बेटी के प्रयासो से मै ये कर पाई और मेरे पति ने भी इसमे मेरा खुब सहयोग किया ,मुझे याद है वो दिन जब मेरा एक्सीडेट हुआ और मेरा एक हाथ कट गया था जिस हाथ से मै कभी कलम पकडा करती थी कागज पर लिखा करती थी मै हताश निराश थी मुझे कुछ भी नही सुझ रहा था लेकिन मेरे पति और बेटी हमेशा मेरे साथ थी मुझमे काँनफिडेंस जगाया और मेरे दुसरे हाथ मे कलम थमा दी बहुत प्रयास किया लेकिन दुसरे हाथ से कलम चलाने मे बडी मुश्किल आयी मै हार मान चुकी थी लेकिन मेरे पति और बेटी ने अभी हार नही मानी थी अंत मे असफल प्रयासो के बाद आखिर मे मै सफल हुई और दुसरे हाथ से आज मे अच्छी तरह कलम कागज पर चला सकती हुँ विमला देवी समारोह से घर अपने कमरे मे गयी जहाँ टेबिल पर रखी कलम और कागज दोनो मंद मंद मुस्कुरा रहे थे कलम और कागज दोनो को पता था कि लेखिका विमला जी आज फिर कुछ नया लिखेगी ,और हम दोनो को भी तैयार हो जाना चाहिए , कलम और कागज तैयार थे , विमला जी ने कलम पकडी और कागज पर पहली लाईन लिखी , हारिये ना हिम्मत , किसी के पास जन्म से एक आँख एक पाँव एक हाथ नही है तो कोई इन अंगों को बाद मे खो देता है लेकिन आत्मविश्वास और हिम्मत रखनी चाहिए और अपने से बडो को नही छोटो को देखकर सिखना चाहिए बहुत से लोग बचपन से ही अंधे लुले लंगडे होते है जिन्हे हम अपाहिज कहते है लेकिन अपाहिज तन से नही इंसान मन से होता है अगर मन से ठान ले तो इंसान बहुत कुछ कर सकता है दृढ निश्चय करके हमेशा आगे बढते रहना चाहिए यही इस जीवन का उद्देश्य है ।