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Sunday, May 2, 2021
मनु का जीवन परिचय मनु कौन थे
मेरा पुरा नाम मनीष शर्मा है मै मनु नाम से लिखता हुँ मेरा जन्म 10 फरवरी 1982 को राजस्थान के झुँझनू जिले की तहसील मुकंदगढ मे हुआ मेरे पिता जी का नाम श्री कल्याण शर्मा और माता जी का नाम श्री मती मुन्नी देवी है मेरे पिता जी जयपुर मे प्राइवेट फर्म मे कार्यरत थे इसीलिए मेरी पढाई शुरू से जयपुर मे ही हुई मैने आई टी आई मे फिटर ट्रेड से पढाई की उसके बाद जाँब करते हुए ही बी ए स्नातक किया उसके बाद सोशीयोलाँजी से एम ए किया फिर एल एल बी की , ऐसे ही जीवन बीत रहा था और मेरी उम्र 38 हो गयी एक आदमी जिसने हमेशा हाथ मे प्लायर ,पेचकस ,स्पेनर ,हैक्सा (आरी)पकडी और मशीन चलाई उसके हाथ मे कलम कब आई पता ही नही चला , मुझे लिखने की प्रेरणा मेरे जितेन्द्र मामा जी से मिली ,उन्होंने मुझे पहली बार अहसास करवाया कि मै लिख भी सकता हुँ मामा जी ने हमेशा मुझे सहयोग किया और मेरी सभी शंकाओ का समाधान किया उनके द्वारा मुझे हमेशा सबल मिलता रहा । मेरी शुरुआत कहानी लिखने से हुई मेरी पहली कहानी अहसास थी लेकिन मेरी दुसरी कहानी सुनीता ने मुझे लेखक का दर्जा दिलाया । मेरी लिखी कहानी रजनीगंधा मुझे सबसे अधिक प्रिय लगती है इस कहानी को लिखते समय मेरे आँखों से कई बार आँसू बहे । मुझे तो कलम चलाते समय आज भी इतना ही समझ आता है कि कोन से किरदार पर आरी चलाये किस किरदार को कसा जाये और ढीले किरदार को कैसे मजबुत किया जाये लेखनी कब मेरी तलवार बन गयी पता नही चला और इस कलम कागज स्याही से आज मेरी एक नयी पहचान बन गयी कैसे मुझे नही पता है मै बस इतना ही समझ पाया हुँ कि शब्दों मे एक महक होती है लिखे तो महके ,पढे जो बहके मेरा कहना है कि किताबों के काले अक्षरो मे ही जिंदगी की असली सच्चाई छिपी होती है जो काम हम बंदूक और तलवार से नही कर पाते है वही काम कलम से कर सकते है मेरी एक ही तमन्ना है कि जब मेरी मौत आये तब भी मेरे हाथो मे कलम हो और मै मौत को ठहरने को कहुँ फिर मेरे हाथ से अंतिम लाईन लिखकर ही मरूँ ।
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