जय हिन्द...
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शब्दों में एक महक होती हैं लिखे जो महकें पढ़ें जो महकें
Wednesday, July 26, 2023
ऐ मेरे वतन के लोगों सांग लिरिक्स । He mere vatan ke logo song lyrics
जय हिन्द...
Sunday, May 2, 2021
मनु का जीवन परिचय मनु कौन थे
मेरा पुरा नाम मनीष शर्मा है मै मनु नाम से लिखता हुँ मेरा जन्म 10 फरवरी 1982 को राजस्थान के झुँझनू जिले की तहसील मुकंदगढ मे हुआ मेरे पिता जी का नाम श्री कल्याण शर्मा और माता जी का नाम श्री मती मुन्नी देवी है मेरे पिता जी जयपुर मे प्राइवेट फर्म मे कार्यरत थे इसीलिए मेरी पढाई शुरू से जयपुर मे ही हुई मैने आई टी आई मे फिटर ट्रेड से पढाई की उसके बाद जाँब करते हुए ही बी ए स्नातक किया उसके बाद सोशीयोलाँजी से एम ए किया फिर एल एल बी की , ऐसे ही जीवन बीत रहा था और मेरी उम्र 38 हो गयी एक आदमी जिसने हमेशा हाथ मे प्लायर ,पेचकस ,स्पेनर ,हैक्सा (आरी)पकडी और मशीन चलाई उसके हाथ मे कलम कब आई पता ही नही चला , मुझे लिखने की प्रेरणा मेरे जितेन्द्र मामा जी से मिली ,उन्होंने मुझे पहली बार अहसास करवाया कि मै लिख भी सकता हुँ मामा जी ने हमेशा मुझे सहयोग किया और मेरी सभी शंकाओ का समाधान किया उनके द्वारा मुझे हमेशा सबल मिलता रहा । मेरी शुरुआत कहानी लिखने से हुई मेरी पहली कहानी अहसास थी लेकिन मेरी दुसरी कहानी सुनीता ने मुझे लेखक का दर्जा दिलाया । मेरी लिखी कहानी रजनीगंधा मुझे सबसे अधिक प्रिय लगती है इस कहानी को लिखते समय मेरे आँखों से कई बार आँसू बहे । मुझे तो कलम चलाते समय आज भी इतना ही समझ आता है कि कोन से किरदार पर आरी चलाये किस किरदार को कसा जाये और ढीले किरदार को कैसे मजबुत किया जाये लेखनी कब मेरी तलवार बन गयी पता नही चला और इस कलम कागज स्याही से आज मेरी एक नयी पहचान बन गयी कैसे मुझे नही पता है मै बस इतना ही समझ पाया हुँ कि शब्दों मे एक महक होती है लिखे तो महके ,पढे जो बहके मेरा कहना है कि किताबों के काले अक्षरो मे ही जिंदगी की असली सच्चाई छिपी होती है जो काम हम बंदूक और तलवार से नही कर पाते है वही काम कलम से कर सकते है मेरी एक ही तमन्ना है कि जब मेरी मौत आये तब भी मेरे हाथो मे कलम हो और मै मौत को ठहरने को कहुँ फिर मेरे हाथ से अंतिम लाईन लिखकर ही मरूँ ।
Sunday, August 9, 2020
मेरी अंतिम यात्रा - Meri Antim Yatra
हँसते खेलते हुये एक दिन इस दुनिया से चले जाना है
ये दुनिया तो मेरे लिये मात्र बस एक मुसाफिर खाना है
जिस दिन यह साँसे और दिल की धडकन रुक जायेगी
उस दिन इस भवसागर से मेरी भी डोली उठाई जायेगी
लकडी का विमान बनेगा सफेद चादर औढाई जायेगी
घरवालों के नयनन से आँसूओ की गंगा बहाई जायेगी
चार जने मिल कर उठायेगे फिर विमान पर ले जायेगे
राम नाम सत्य है कि आवाज सभी मिल कर लगायेगे
फुलो की बरसात होगी चंदनइत्र से काया महक उठेगी
मुझको इसकी खबर ना होगी घर से दूर लेकर जायेगे
ऊपर लकडी नीचे लकडी होगी उस पर मुझे लेटायेगे
अंतिम घडी का प्रणाम करके मेरे तन मे आग लगायेगे
धुं धुं कर मेरी ये काया जलेगी अंत मे राख हो जायेगी
क्रियाकर्म करेगे मेरा मुझे गरुण पुराण सुनाई जायेगी
बारह दिन तक याद रखेगे फिर सब मुझे भुल जायेगे
मेरी पत्नी कुछ दिन रोयेगी आखिर मै चुप हो जायेगी
मेरे शब्द ही मेरी पहचान बनेगे कलम चुप हो जायेगी
कोरे कागज पर बिखरी ये स्याही मेरी गाथा सुनायेगी
एक था "मनु" लिखता था कभी गजल कविता कहानी
अब उसकी जिंदगी की किताब की भी खत्म हुई कहानी
"दिल की कलम" यहाँ वहाँ गुम होकर गुमनाम हो गई
एक लेखक के अल्फाज की आवाज भी शांत हो गई
मनु 10.01.2020
Friday, August 7, 2020
गागर में सागर भरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग
Saturday, December 14, 2019
Motivational lines,प्रेरक पंक्तिया
Friday, December 13, 2019
मुक्ति - एक लघु कथा । Mukti - ek laghu katha
हताश आदमी लघु कथा
भडास कहानी
Thursday, December 12, 2019
डोर - लघु कथा । Dor - laghu katha
आत्मविश्वास - लघु कथा । Self confidence story
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मेरा पुरा नाम मनीष शर्मा है मै मनु नाम से लिखता हुँ मेरा जन्म 10 फरवरी 1982 को राजस्थान के झुँझनू जिले की तहसील मुकंदगढ मे हुआ मेरे पिता जी ...
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शीर्षक - गागर में सागर वो चमन ही क्या फूल ना हो जिसमे वो अगन ही क्या शुल ना हो जिसमे वो खुन ही क्या उबाल ना हो जिसमे वो मन ही क्...
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1.किसी दूसरे का गुस्सा घर आकर अपने माँ बाप भाई बहिन ,छोटे बच्चे और परिवार के अन्य सदस्य पर नही निकालना चाहिए 2.क्योंकि हमारी और ...