वास्तविकता को बयान करती और आमजन की ख्वाहिश बयान करती , कहने को लोकतंत्र लेकिन राजतंत्र की कहानी , आम आदमी भी नेताओ की तरह पलटे नही तो क्या करे , नेता भी तो सपने दिखा कर सत्ता मिलते ही पलट जाते है और मिलने जाने पर कहते है , आप कौन हो , कहाँ से आये , क्या काम है , नेताजी अभी थोडा बिजी है, बहुत काम है , एक तुम्हारा ही काम थोडे है , और भी लोग है , राज्य को चलाना भी है , समस्याओं को देखना भी है , और फार्म हाउस पर नेताजी रंगरेलिया ....., और नेताजी की टीम छोटे बडे हर उधोग पति से पैसा लेकर उनके प्लान पास कर रही है , और भी बहुत कुछ है लेकिन शब्द कम पड जाते है क्योंकि लिखने से सुधार नही होता , अगर सुधार होता तो आज रामायण गीता कुरान बाईबल की जरूरत नही होती इस सभ्य समाज को , लिखने वाले को पता था कि जब मेरे कालखंड मे इतनी अराजकता मारकाट युद्ध है तो भविष्य मे कितनी होगी , तो लेखक ने सोचा और लिखा कि भविष्य मे लोग पिछली गलतियों से सिखे लेकिन सिखता कौन है आज , गलतिया दोहरायी जाती है और फिर किसी लेखक की कलम कागज पर चल जाती है , फिर से स्याही बिखर सी जाती है और बदलाव को तरस जाती है सपनो का संसार है ये दुनिया आज भी सभी चाहते है कि ये दुनिया स्वर्ग बन जाये लेकिन बनायेगा कौन स्वयं नही सामने वाला , तलाश करते है एक अच्छे इंसान की लेकिन खुद कभी नही बनते , हम हर वो फिल्में देखते है जिसमे बुराई पर अच्छाई की जीत दिखाई जाती है और वो फिल्में सुपर हिट भी हो जाती है लेकिन देश को कैसे सुपर बनाये इतिहास खून की स्याही से हजारो बार लिखा गया है लिखने वाले के आँखो मे आँसू थे सोचा ये मंजर देख कर भविष्य मे सुधार किया जायेगा मेरा लिखा पढकर इंसान जानवर से भगवान बन जायेगा लेकिन गोली तलवार कैसे चलाये छल कपट धोखा कैसे करे इंसान ने यह सब तो सिख लिया और सुधार करना भुल गया मनुष्य ऐसी चीजे बनाता ही क्यो है जो किसी को जान दे नही सकती जबकि सामने वाले की जान लेकर ही लोटेगी , ये बंदूक ये गोली तलवार हथियार अगर बनाना बंद हो जाये अखबारों मे हर पृष्ठों पर सुविचार छपने लगे चलचित्र मे सब कुछ अच्छा दिखाये पढाई मे नैतिकता का पाठ हो और देश का नेता बच्चा युवा औरत सभी एक साथ ऐसे पथ पर आगे बढे तो हो सकता है सपनो का संसार भी साकार बन सकता है ये संसार भी स्वर्ग .......
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